Sitaron Ki Jhilmilahat
कभी कभी शायद ये सोचने की ज़रूरत नहीं पड़ती है कि आपके साथ अच्छा-बुरा या फिर सही-गलत क्यों हो रहा है! प्रकृति आपको किसी न किसी तरह से, कोई न कोई इशारा ज़रूर देती है और शयद ये समझाने की कोशिश भी करती है कि जो कुछ भी हो रहा है उसे, उसी तरह से सिर्फ होने दो|
उस रात मौसम अच्छा था| बारिश के कारण थोड़ी सी ठण्ड बढ़ गयी थी| मैं छत पर पंहुचा तो ठंडी हवा से मुझे थोड़ा हल्का महसूस हुआ जैसे धूप से तपते हुए शरीर पर पानी की बौछार पड़ गयी हो और राहत ने हलकी सी दस्तक देकर कहा हो की घबराओ नहीं, मैं हूँ न तुम्हारे साथ | यूँ तो इतनी गर्मी भी नहीं थी मगर न जाने क्यों मुझे ही घुटन महसूस हो रही थी | शायद उसकी याद ने मुझे एक बार फिर किसी द्वन्द में फंसा दिया था | ये मेरा अपना ही अनुभव हो सकता है लेकिन मुझे हमेशा से ये लगता आया है की हम जिस किसी शख्स से भी प्यार करते हैं उसकी यादों का एक हिस्सा हर पल हमे उसकी याद दिलाता रहता है | मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही घट रहा था | न चाहते हुए भी किसी की यादों का अचानक आ जाना कष्टदायक होता है लेकिन मुझे अब इस दर्द की आदत सी हो गयी थी | खैर! मैंने खुले हुए आसमान की ओर देखा और एक पल को उसकी ख़ूबसूरती में खो गया | आसमान की ये ख़ूबसूरती शायद आज मुझे लुभा रही थी और सितारों की वो रौशनी मुझे अपनी ओर और भी आकर्षित कर रही थी| ऐसा महसूस हो रहा था की इस संसार में सबसे ज्यादा प्यार अगर आप से कोई करता है तो वो है प्रकृति जो बिना किसी आशा के अपना सब कुछ आपको दिए जाती है |
मैं अपने आप को खो चूका था लेकिन यादों का एक झरोखा फिर उसकी याद दिला गया, उसकी जिसे मैंने बड़ी शिद्दत से चाहा है | सितारे मुझसे गुफ्तगू करने की कोशिश कर रहे हैं | समझाना थोड़ा मुश्किल होगा इसीलिए इसे एक कविता के ज़रिये बताता हूँ |
वो कहते हैं :-
सितारों की झिलमिलाहट मुझे देखती है
जैसे ढूंढ रही हो
तुम्हारा और मेरा साथ
इस चांदनी रात में
जब मेरे खयालो में अक्सर तुम
दबे पाँव, बिना किसी आहट के
बिना दस्तक के, बेफिक्री से
चली आती थीं
सिर्फ मुझे थामने के लिए
सिर्फ मुझे थामने के लिए |
सितारों की झिलमिलाहट मुझसे पूछती है
किआखिर कहाँ हो तुम?
और क्यों चली गईं तुम?
मुझे अकेला छोड़कर
अपनी यादों के साथ
जीने के लिए
जैसे तुम्हारी यादों ने ही
मुझे थाम रखा था
धड़कन बनकर
सिर्फ तुम्हारे इंतज़ार में जीने के लिए
सिर्फ तुम्हारे इंतज़ार में जीने के लिए ||
शायद आज भी उनकी बातों का कोई जवाब नहीं है मेरे पास| अगर कुछ है तो बस उनकी वो झिलमिलाहट जो किसी खूबसूरत याद की तरह मेरे दिल में समाई है|
अगली बार जब आप किसी सितारे को देखें तो उसकी रौशनी को ज़रूर महसूस करियेगा| यकीन मानिये एक खूबसूरत याद ज़रूर मिलेगी||
उस रात मौसम अच्छा था| बारिश के कारण थोड़ी सी ठण्ड बढ़ गयी थी| मैं छत पर पंहुचा तो ठंडी हवा से मुझे थोड़ा हल्का महसूस हुआ जैसे धूप से तपते हुए शरीर पर पानी की बौछार पड़ गयी हो और राहत ने हलकी सी दस्तक देकर कहा हो की घबराओ नहीं, मैं हूँ न तुम्हारे साथ | यूँ तो इतनी गर्मी भी नहीं थी मगर न जाने क्यों मुझे ही घुटन महसूस हो रही थी | शायद उसकी याद ने मुझे एक बार फिर किसी द्वन्द में फंसा दिया था | ये मेरा अपना ही अनुभव हो सकता है लेकिन मुझे हमेशा से ये लगता आया है की हम जिस किसी शख्स से भी प्यार करते हैं उसकी यादों का एक हिस्सा हर पल हमे उसकी याद दिलाता रहता है | मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही घट रहा था | न चाहते हुए भी किसी की यादों का अचानक आ जाना कष्टदायक होता है लेकिन मुझे अब इस दर्द की आदत सी हो गयी थी | खैर! मैंने खुले हुए आसमान की ओर देखा और एक पल को उसकी ख़ूबसूरती में खो गया | आसमान की ये ख़ूबसूरती शायद आज मुझे लुभा रही थी और सितारों की वो रौशनी मुझे अपनी ओर और भी आकर्षित कर रही थी| ऐसा महसूस हो रहा था की इस संसार में सबसे ज्यादा प्यार अगर आप से कोई करता है तो वो है प्रकृति जो बिना किसी आशा के अपना सब कुछ आपको दिए जाती है |
मैं अपने आप को खो चूका था लेकिन यादों का एक झरोखा फिर उसकी याद दिला गया, उसकी जिसे मैंने बड़ी शिद्दत से चाहा है | सितारे मुझसे गुफ्तगू करने की कोशिश कर रहे हैं | समझाना थोड़ा मुश्किल होगा इसीलिए इसे एक कविता के ज़रिये बताता हूँ |
वो कहते हैं :-
सितारों की झिलमिलाहट मुझे देखती है
जैसे ढूंढ रही हो
तुम्हारा और मेरा साथ
इस चांदनी रात में
जब मेरे खयालो में अक्सर तुम
दबे पाँव, बिना किसी आहट के
बिना दस्तक के, बेफिक्री से
चली आती थीं
सिर्फ मुझे थामने के लिए
सिर्फ मुझे थामने के लिए |
सितारों की झिलमिलाहट मुझसे पूछती है
किआखिर कहाँ हो तुम?
और क्यों चली गईं तुम?
मुझे अकेला छोड़कर
अपनी यादों के साथ
जीने के लिए
जैसे तुम्हारी यादों ने ही
मुझे थाम रखा था
धड़कन बनकर
सिर्फ तुम्हारे इंतज़ार में जीने के लिए
सिर्फ तुम्हारे इंतज़ार में जीने के लिए ||
शायद आज भी उनकी बातों का कोई जवाब नहीं है मेरे पास| अगर कुछ है तो बस उनकी वो झिलमिलाहट जो किसी खूबसूरत याद की तरह मेरे दिल में समाई है|
अगली बार जब आप किसी सितारे को देखें तो उसकी रौशनी को ज़रूर महसूस करियेगा| यकीन मानिये एक खूबसूरत याद ज़रूर मिलेगी||
Very well described... Keep up the good work!
ReplyDeleteThanks Naz Ji for your valuable feedback 🙏🙏
DeleteTouching lines👍👍
ReplyDeleteThanks brother 😊
DeleteWaah👏
ReplyDeleteThanks Bhai 😊
DeleteUmdaa... Kyaa khoob likha hai dost 😊
ReplyDeleteThanks for your feedback brother 😊
Deleteबेहद ख़ूबसूरत लिखा है आपने... जीवंत और दिलकश 😊☺️
ReplyDeletethank you.. khushi huyi ki aapko ye pasand aaya..
DeleteWoowowo supeb Bhaiya 💙💙 well congrats starting is superb.❤
ReplyDeleteThanks khushi 😊
DeleteAreyy jaan looge kya❤
ReplyDeleteBhut jyda acha hai
Extremely interesting and sorrowful❤��
Keep it up
God bless you